दोस्ती बिना प्यार नही हो सकता !!! so aao pyaar kare i mean dosti kare.

रविवार, 14 फ़रवरी 2010

प्यार हो गया है (pyaar ho gaya hai)

कभी आप मौन हो जाएँ, कभी बोल खो जाएँ, जब अपने आप की खबर ही न रहे, स्वयं का अस्तित्व किसी और में घुलता जाए। सारी बातें मन ही मन में चलती रहें। न तुम कुछ कहो, न मैं कुछ कहूँ। ऐसा ही कुछ-कुछ होता है जब प्रेम होता है। प्यार का पहला एहसास जागता है तो कुछ-कुछ नहीं बहुत कुछ होता है।

लेकिन कभी-कभी यह समझने में बड़ी कठिनाई होती है कि ये प्यार ही है या और कुछ। पहला-पहला प्यार हो तो कुछ समझ नहीं आता है कि क्या हो रहा है और क्यों हो रहा है ऐसा? किसी का अच्छा लगना और फिर एक ही मुलाकात में पूरी जिंदगी बन जाना.... ये कैसा एहसास है, जिसने पूरे जीवन को बदल डाला है। जिंदगी बदल गई है वो सब कुछ हो रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ.... कहीं आपको प्यार तो नहीं हो गया है.....

पता नहीं हाँ....नहीं.... बड़ी उलझन है.... लेकिन जानें तो कैसे जानें कि आपको प्यार हो गया है। शायद हम ही आपकी कुछ मदद कर सकें। अगर ऐसे ही कुछ एहसास आपके मन में भी जाग रहे हों तो समझ लें कि आपको प्यार, प्यार और सिर्फ प्यार हो गया है। क्या ये लक्षण आपको अपने में नजर आ रहे हैं? जरा देखिए-

* हर पल मन में कुछ बेचैनी-सी महसूस होती है। सब कुछ होने के बाद भी कहीं कुछ कमी-सी लगती है।

* उसका जिक्र छिड़ते ही प्यार की खुशबू आती है। उसका नाम सुनते ही चेहरे पर शर्मकी लाली छा जाती है, दिल धड़कने लगता है।

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* पूरी रात इधर-उधर करवटें बदल-बदल कर ही बीतती है। नींद आती ही नहीं, आए भी तो कैसे? आँखें बंद करते ही वो सामने आ जाते हैं और फिर पूरी रात आँखों-आँखों में ही कट जाती है।

* वो साथ हों तो जिंदगी हसीन और मौसम खुशनुमा बन जाता है। आप इसी तरह की जिंदगी की ख्वाहिश करने लगते हैं।

* आपके चेहरे पर अचानक ही गजब का निखार आ जाता है। दोस्त कहने लगते हैं, ''कुछ तो चक्कर है.... लगता है ये प्यार की चमक है.... और आप शरमाकर मुँह छिपा लेते हैं।

* कभी शेरो-शायरी और कविता की ओर ध्यान न देने वाले आप अचानक ही ऐसी चीजों के दीवाने हो जाते हैं। दिन-दिन भर गजलें सुनने में बिता देते हैं। जगजीतसिंह आपके फेवरेट हो जाते हैं।

* अपनी जिंदगी की हर बात उससे जुड़ी-सी लगती है।

* बस इस बात का इंतजार रहता है कि किसी भी तरह से उसका दीदार हो जाए। दीदार होने पर दिल में फूल खिल जाते हैं।

* रोमांटिक फिल्में देखना और उसकी परिस्थितियों से अपने आप को जोड़ना आपको कुछ ज्यादा ही अच्छा लगने लगता है।

* आपको उसकी बेतुकी, बचकानी बातें भी अच्छी लगने लगती हैं और उन पर भी प्यार आता है।

* अचानक ही ईश्वर में आपका विश्वास बढ़ जाता है। आप ज्यादा दयालु और उदार हो जाते हैं।

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