प्यार मै क्या हाल होता है?
दोस्त प्याफ क्या होता है मै कुछ नहीं कह सकता हू
हा ये पता है की प्यार मै क्या हाल हो जाता है
प्यार मै सब और बस अपने डार्लिंग हे दिखती है
दिल मै चाहत होता है की एक बार वो मुझे दिख जाये
इस लिए ही तो कहते है प्यार दीवाना होता है
गुरुवार, 11 मार्च 2010
सोमवार, 1 मार्च 2010
pyaar mai kiy baat kare
is mai ek ladki apne dost ke bare mai baat karte hai aap phi suno aur samcho......
रविवार, 28 फ़रवरी 2010
दुनिया ने दिल तोडा (ladki patene ka tarika)
दुनिया ने दिल तोडा मुझ को तनहा छोड़ा
हा तो दोस्तों मै एक बात बता दू की प्यार की गली आसन नहीं है इस मै पल पल धोखा मिलाता है इस लिए मै आप को पहले ही बता देता हु की जिस का दिल कमजोर है वो भाई इस लड़की पटाने वाले गेम से दूर ही रहे .................................
हा तो दोस्तों मै एक बात बता दू की प्यार की गली आसन नहीं है इस मै पल पल धोखा मिलाता है इस लिए मै आप को पहले ही बता देता हु की जिस का दिल कमजोर है वो भाई इस लड़की पटाने वाले गेम से दूर ही रहे .................................
प्यार क्या होता है (pyaar kya hota hai)
प्यार क्या होता है नहीं पता
तो इस गाने को सुनो फिर बताओ प्यार क्या होता है?
तो इस गाने को सुनो फिर बताओ प्यार क्या होता है?
pyaar impossible ya possible
dosto pyaar inpossible hai ya possible है या नहीं ये तो मै नहीं जनता लेकिन जब लड़की खुद कहा रही है तो फिर तुम क्यों देर कर रहा है कमर कस और लग जा काम पे यानी लड़की पटाने के काम पे फिर न कहना की मै ने कुछ बताया नहीं
यार लड़की तो इस गाने मै यही कह रही है न प्यार हो सकता है .....................................
यार लड़की तो इस गाने मै यही कह रही है न प्यार हो सकता है .....................................
लड़की की अदा (ladki ki aada)
दोस्तों मुझे लड़की की अदा समझ नहीं आती है. की कब उस की हा है और कब उस की न है तो आओ हम मिल कर समझाकी कोशिश करते है ....
लड़का - चलो किसी सुनसान जगह चलते हैं ।
लड़की - तुम कोई ऐसी-वैसी हरकत तो नहीं करोगे ?
लड़का - नहीं, बिलकुल नहीं ।
लड़की - तो फिर रहने दो ......
लड़का - चलो किसी सुनसान जगह चलते हैं ।
लड़की - तुम कोई ऐसी-वैसी हरकत तो नहीं करोगे ?
लड़का - नहीं, बिलकुल नहीं ।
लड़की - तो फिर रहने दो ......
शनिवार, 27 फ़रवरी 2010
न मिलो कहीं प्यार न हो जाये (लड़की पटाने का तरीका )
न मिलो हम से जयादा कही प्यार न हो जाये
जी हा दोस्तों लड़की को पटाने के लिए आप को उस से बार बार मिलाना पड़ेगा ये मै नहीं ये तो लड़की खुद इस गाने मै कहा रही है तो फिर किस बात का इंतजार है
शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2010
गुरुवार, 18 फ़रवरी 2010
बुधवार, 17 फ़रवरी 2010
लड़की पटाने का तरीका (ladki patane ka tarika)
Write your answer here. And keep checking whether it's been chosen as the Best Answer. *
Please enter answer before submitting.
to dost aapko thoda to boldness or confident ho kar ek baar to baat karni hi hogi, or uske vies jaanne honge . to koshish kijiye. sharmane se kaam nahi chalega, or aaj nahi kal agar sochte rahe to ho sakta hai woh kisi or ke saath friendship kar le or aap dekhte rah jaaye.
to faaltu time waste karne se koi faayada nahi hai ek baar to straight forward ho kar uske vi
मंगलवार, 16 फ़रवरी 2010
प्यार की कहानी (love story)
रानी रूपमबाज ती-बहादुर
मालवा की गायिका थीं रूपमती, सुल्तान बाज बहादुर उनसे प्रेम करते थे। यह अंतर्धार्मिक विवाह था। युद्ध, प्रेम, संगीत और कविता का अद्भुत सम्मिश्रण है यह जादुई प्रेम कहानी। बाज बहादुर मांडु के अंतिम स्वतंत्र शासक थे। रूपमती किसान पुत्री और गायिका थीं। उनकी आवाज के मुरीद बाज बहादुर उन्हें दरबार में ले गए। दोनों परिणय सूत्र में बंध गए, लेकिन यह प्रेम कहानी जल्दी ही खत्म हो गई, जब मुगल सम्राट अकबर ने मांडु पर चढाई करने के लिए अधम खान को भेजा। बाज बहादुर ने अपनी छोटी-सी सेना के साथ उसका मुकाबला किया किंतु हार गए। अधम खान रानी रूपमती के सौंदर्य पर मर-मिटा, इससे पूर्व कि वह मांडु के साथ रूपमती को भी अपने कब्जे में लेता, रानी रूपमतसेवन करके मौत को गले लगा लिया।
लैला-मजनूं
अरबी संस्कृति में दुखांत प्रेम कहानियों की पूरी श्रृंखला है, जिनमें कैस-लुबना, मारवा-अल मजनूं अल फरांसी, अंतरा-अबला, कुथैर-अजा, लैला-मजनूं की कहानियां प्रमुख हैं। लैला-मजनूं की प्रेम कहानी नई नहीं है। अरब के बानी आमिर जनजाति का था यह कवि यानी मजनूं। लैला भी इसी जाति से आती थीं। लैला के पिता के विरोध के कारण इनका विवाह नहीं हो सका और लैला किसी और की पत्नी हो गई। मजनूं पागल हो गए, इसी पागलपन में उन्होंने कई कविताएं रचीं। लैला पति के साथ ईराक चली गई, जहां कुछ ही समय बाद बीमार होकर उनकी मृत्यु हो गई। मजनूं भी कुछ समय बाद मौत की गोद में चले गए।
अरब और हबीब लोकसाहित्य से लेकर फारसी साहित्य तक यह प्रेम कथा कई रूपों में सामने आई। आम लोग इसे निजामी के पर्सियन संस्करण से ही जानते हैं। कहा जाता है कि रोमियो-जूलियट की कहानी लैला-मजनूं का ही लैटिन संस्करण है।
सलीम-अनारकली
मुगल सम्राट अकबर के चहेते और बाबा फरीद के आशीर्वाद से जन्मे बेटे सलीम ने अनारकली से प्रेम किया। अनारकली एक मूर्तिकार की बेटी थी और बेहद सुंदर थी। अकबर इस प्रेम के खिलाफ थे। अनारकली के प्रेम में पागल शाहजादा सलीम ने अपने पिता के खिलाफ बगावत तक कर दी। कहा जाता है कि दरियादिल माने जाने वाले मुगल सम्राट ने अनारकली को जिंदा दीवार में चिनवा दिया गया। मुगले-आजम जैसी फिल्म ने इस प्रेम कथा को अमर कर दिया।
हीर-रांझा
पंजाब की धरती पर कई प्रेम कथाओं का जन्म हुआ, जिनमें वारिस शाह रचित हीर को साहित्यिक जगत के लोग बखूबी जानते हैं। अमीर परिवार की खूबसूरत हीर ने प्रेम किया रांझा से। रांझा अपने चार भाइयों में सबसे छोटा था, भाइयों से विवाद के बाद वह घर छोडकर भाग गया और हीर के गांव तक आ पहुंचा। हीर के घर में वह पशुओं की रखवाली करने लगा। दोनों के बीच प्रेम हुआ और कई वर्षो तक दोनों मिलते रहे, लेकिन हीर के ईष्र्यालु चाचा कैदो और माता-पिता के कारण दोनों का विवाह नहीं हो सका, हीर का विवाह अन्यत्र कर दिया गया। रांझा जोगी हो गया और अलख निरंजन कहकर गांव-गांव फिरने लगा। जोगी रूप में एक बार फिर वह हीर से मिला। दोनों भाग गए लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड लिया। लेकिन उसी रात पूरे शहर में आग लग गई। घबराए हुए महाराजा ने प्रेमियों को आजाद कर दिया और उन्हें विवाह की इजाजत दे दी। दोनों हीर के गांव वापस आए, इस बार माता-पिता उनके विवाह पर राजी हो गए। विवाह के दिन हीर के ईष्र्यालु चाचा कैदो ने हीर को विष खिला दिया, रांझा ने उसे बचाने की बहुत कोशिश की किंतु हीर न बच सकी। हीर के दुख में व्यथित रांझा की भी बाद में मौत हो गई। एक दारुण प्रेम कहानी खत्म हो गई।
सोहनी-महिवाल
पंजाब की ही धरती पर उगी एक अन्य प्रेम कथा है सोहनी-महिवाल की। सिंधु नदी के तट पर रहने वाले कुम्हार तुला की बेटी थी सोहनी। वह कुम्हार द्वारा बनाए गए बर्तनों पर सुंदर चित्रकारी करती थी। उजबेकिस्तान स्थित बुखारा का धनी व्यापारी इज्जत बेग व्यापार के सिलसिले में भारत आया, सोहनी से मिलने पर वह उसके सौंदर्य पर आसक्त हो उठा। सोहनी को देखने के लिए वह रोज सोने की मुहरें जेब में भरकर कुम्हार के पास आता और बर्तन खरीदता। सोहनी भी उसकी तरफ आकर्षित हो गई। वह सोहनी के पिता के घर में नौकरी करने लगा, उसका नाम महिवाल पड गया, क्योंकि वह भैंसें चराने लगा। जब उनके प्रेम के किस्से आसपास फैले तो तुला ने सोहनी को बिना बताए उसकी शादी किसी कुम्हार से कर दी। महिवाल अपना घर, देश भूलकर फकीर हो गया। मगर दोनों प्रेमियों ने मिलना न छोडा। रोज जब रात में सारी दुनिया सोती, सोहनी नदी के उस पार महिवाल का इंतजार करती, जो तैरकर उसके पास आता। महिवाल बीमार हुआ तो सोहनी एक पक्के घडे की मदद से तैरकर उससे मिलने पहुंचने लगी। उसकी ननद ने एक बार उन्हें देख लिया तो उसनेपक्के घडे की जगह कच्चा घडा रख दिया। सोहनी घडे द्वारा नदी पार करने लगी तो डूब गई। महिवाल उसे बचाने के लिए नदी में कूदा, वह भी डूब गया। इस तरह यह दुख भरी प्रेम कहानी खत्म हो गई।
ढोला-मारु
राजपूत प्रेम की गाथा है ढोला-मारु। पूगल का शासक था पिंगल। उसने अपनी नन्ही पुत्री मारु का बाल विवाह नरवार के राजा नल के पुत्र ढोला से कर दिया। बडे होने पर उसे विदा किया जाना था। ढोला बडा होने लगा लेकिन तभी नल की मौत हो गई और ढोला विवाह की बात भूल गया। उसका विवाह मलवानी से हो गया। मारु ने कई बार अपने दूतों को ढोला के पास संदेश के साथ भेजा, लेकिन हर बार उसकी पत्नी ने उन्हें बीच ही रोक दिया। अंत में मारु ने कुछ लोक गायकों को ढोला के पास भेजा, जिन्होंने ढोला को विवाह की बात याद दिलाई। ढोला मारु से मिलने की चेष्टा करने लगा लेकिन उसकी ईष्र्यालु पत्नी ने उससे कहा कि मारु मर चुकी है। ढोला नहीं रुका, चलता गया। रास्ते में ही डकैतों के गिरोह से टकराया और गिरोह के सरदार ने उससे कहा कि मारु का अन्यत्र विवाह हो चुका है। यह डकैत भी मारु से एकतरफा प्रेम करता था। ढोला मारु से मिलने के अपने निश्चय पर अडिग था। अंतत: वह मारु से मिलने पहुंच गया। लेकिन कष्टों का अंत अभी न हुआ था। लौटते हुए रेगिस्तान के सांप ने मारु को डस लिया और वह गहन मूर्छावस्था में चली गई। राजपूत इतिहास में पहली बार ढोला ने पत्नी की चिता के साथ खुद सती होना चाहा। इसी बीच एक योगी-योगिनी ने कहा कि वह मारु को जीवित कर सकते हैं। उन्होंने मारु को पुन: जीवनदान दिया। दोनों फिर महल को लौटने लगे, तभी डकैतों का सरदार उन्हें मारने आ गया, लेकिन लोक गायकों ने उन्हें बचा लिया। अंतत: वे अपने महल लौट सके, अनेक दुखों के बाद एक सुखांत प्रेम कहानी बन सकी।
शीरीं-फरहाद
फारस की पृष्ठभूमि में जन्मी इस कहानी का पात्र फरहाद एक शिल्पकार था, जो राजकुमारी शीरीं से बेइंतहा मुहब्बत करता था, लेकिन राजकुमारी इस प्रेम से अनभिज्ञ थी। निराश फरहाद पहाडों में जाकर रहने लगा और बांसुरी पर राजकुमारी की प्रशंसा में धुनें बजाने लगा। जब यह बात शीरीं को मालूम हुई तो वह फरहाद से मिली और उसके प्रेम में गिरफ्त हो गई। शीरीं के पिता और राजा नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी एक आम आदमी से शादी करे। आखिर उन्होंने अपनी बेटी के सामने शर्त रखी कि यदि फरहाद पहाडों के बीच चट्टानों में नहर खोद दे तो वह शीरीं का विवाह उससे कर देंगे। यह बेहद मुश्किल कार्य था, लेकिन फरहाद ने नहर खोदनी शुरू की। उसकी अथक मेहनत देखकर राजा को लगा कि कहीं फरहाद अपना लक्ष्य प्राप्त न कर ले। नहर पूरी होने को थी, घबराए हुए राजा ने अपने दरबारियों से बेटी के विवाह की खातिर मशविरा करना चाहा। उनके वजीर ने सलाह दी कि किसी बूढी स्त्री को फरहाद के पास भेजें और यह संदेश दें कि राजकुमारी की मौत हो चुकी है। तब एक बूढी स्त्री फरहाद के पास पहुंची और जोर-जोर से रोने लगी। फरहाद ने उससे रोने का कारण पूछा तो बुढिया ने कहा, तुम जिसके लिए अपने शरीर को खटा रहे हो-वह तो मर चुकी है। यह सुनकर फरहाद को सदमा पहुंचा और उसने अपने औजारों से खुद को मार लिया, नहर बन चुकी थी, मगर पानी की जगह उसमें फरहाद का लहू बह रहा था। फरहाद की मौत की खबर सुनकर शीरीं ने भी खुद को खत्म कर लिया। इस तरह एक और प्रेम कहानी असमय मौत की गोद में सो गई।
मालवा की गायिका थीं रूपमती, सुल्तान बाज बहादुर उनसे प्रेम करते थे। यह अंतर्धार्मिक विवाह था। युद्ध, प्रेम, संगीत और कविता का अद्भुत सम्मिश्रण है यह जादुई प्रेम कहानी। बाज बहादुर मांडु के अंतिम स्वतंत्र शासक थे। रूपमती किसान पुत्री और गायिका थीं। उनकी आवाज के मुरीद बाज बहादुर उन्हें दरबार में ले गए। दोनों परिणय सूत्र में बंध गए, लेकिन यह प्रेम कहानी जल्दी ही खत्म हो गई, जब मुगल सम्राट अकबर ने मांडु पर चढाई करने के लिए अधम खान को भेजा। बाज बहादुर ने अपनी छोटी-सी सेना के साथ उसका मुकाबला किया किंतु हार गए। अधम खान रानी रूपमती के सौंदर्य पर मर-मिटा, इससे पूर्व कि वह मांडु के साथ रूपमती को भी अपने कब्जे में लेता, रानी रूपमतसेवन करके मौत को गले लगा लिया।
लैला-मजनूं
अरबी संस्कृति में दुखांत प्रेम कहानियों की पूरी श्रृंखला है, जिनमें कैस-लुबना, मारवा-अल मजनूं अल फरांसी, अंतरा-अबला, कुथैर-अजा, लैला-मजनूं की कहानियां प्रमुख हैं। लैला-मजनूं की प्रेम कहानी नई नहीं है। अरब के बानी आमिर जनजाति का था यह कवि यानी मजनूं। लैला भी इसी जाति से आती थीं। लैला के पिता के विरोध के कारण इनका विवाह नहीं हो सका और लैला किसी और की पत्नी हो गई। मजनूं पागल हो गए, इसी पागलपन में उन्होंने कई कविताएं रचीं। लैला पति के साथ ईराक चली गई, जहां कुछ ही समय बाद बीमार होकर उनकी मृत्यु हो गई। मजनूं भी कुछ समय बाद मौत की गोद में चले गए।
अरब और हबीब लोकसाहित्य से लेकर फारसी साहित्य तक यह प्रेम कथा कई रूपों में सामने आई। आम लोग इसे निजामी के पर्सियन संस्करण से ही जानते हैं। कहा जाता है कि रोमियो-जूलियट की कहानी लैला-मजनूं का ही लैटिन संस्करण है।
सलीम-अनारकली
मुगल सम्राट अकबर के चहेते और बाबा फरीद के आशीर्वाद से जन्मे बेटे सलीम ने अनारकली से प्रेम किया। अनारकली एक मूर्तिकार की बेटी थी और बेहद सुंदर थी। अकबर इस प्रेम के खिलाफ थे। अनारकली के प्रेम में पागल शाहजादा सलीम ने अपने पिता के खिलाफ बगावत तक कर दी। कहा जाता है कि दरियादिल माने जाने वाले मुगल सम्राट ने अनारकली को जिंदा दीवार में चिनवा दिया गया। मुगले-आजम जैसी फिल्म ने इस प्रेम कथा को अमर कर दिया।
हीर-रांझा
पंजाब की धरती पर कई प्रेम कथाओं का जन्म हुआ, जिनमें वारिस शाह रचित हीर को साहित्यिक जगत के लोग बखूबी जानते हैं। अमीर परिवार की खूबसूरत हीर ने प्रेम किया रांझा से। रांझा अपने चार भाइयों में सबसे छोटा था, भाइयों से विवाद के बाद वह घर छोडकर भाग गया और हीर के गांव तक आ पहुंचा। हीर के घर में वह पशुओं की रखवाली करने लगा। दोनों के बीच प्रेम हुआ और कई वर्षो तक दोनों मिलते रहे, लेकिन हीर के ईष्र्यालु चाचा कैदो और माता-पिता के कारण दोनों का विवाह नहीं हो सका, हीर का विवाह अन्यत्र कर दिया गया। रांझा जोगी हो गया और अलख निरंजन कहकर गांव-गांव फिरने लगा। जोगी रूप में एक बार फिर वह हीर से मिला। दोनों भाग गए लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड लिया। लेकिन उसी रात पूरे शहर में आग लग गई। घबराए हुए महाराजा ने प्रेमियों को आजाद कर दिया और उन्हें विवाह की इजाजत दे दी। दोनों हीर के गांव वापस आए, इस बार माता-पिता उनके विवाह पर राजी हो गए। विवाह के दिन हीर के ईष्र्यालु चाचा कैदो ने हीर को विष खिला दिया, रांझा ने उसे बचाने की बहुत कोशिश की किंतु हीर न बच सकी। हीर के दुख में व्यथित रांझा की भी बाद में मौत हो गई। एक दारुण प्रेम कहानी खत्म हो गई।
सोहनी-महिवाल
पंजाब की ही धरती पर उगी एक अन्य प्रेम कथा है सोहनी-महिवाल की। सिंधु नदी के तट पर रहने वाले कुम्हार तुला की बेटी थी सोहनी। वह कुम्हार द्वारा बनाए गए बर्तनों पर सुंदर चित्रकारी करती थी। उजबेकिस्तान स्थित बुखारा का धनी व्यापारी इज्जत बेग व्यापार के सिलसिले में भारत आया, सोहनी से मिलने पर वह उसके सौंदर्य पर आसक्त हो उठा। सोहनी को देखने के लिए वह रोज सोने की मुहरें जेब में भरकर कुम्हार के पास आता और बर्तन खरीदता। सोहनी भी उसकी तरफ आकर्षित हो गई। वह सोहनी के पिता के घर में नौकरी करने लगा, उसका नाम महिवाल पड गया, क्योंकि वह भैंसें चराने लगा। जब उनके प्रेम के किस्से आसपास फैले तो तुला ने सोहनी को बिना बताए उसकी शादी किसी कुम्हार से कर दी। महिवाल अपना घर, देश भूलकर फकीर हो गया। मगर दोनों प्रेमियों ने मिलना न छोडा। रोज जब रात में सारी दुनिया सोती, सोहनी नदी के उस पार महिवाल का इंतजार करती, जो तैरकर उसके पास आता। महिवाल बीमार हुआ तो सोहनी एक पक्के घडे की मदद से तैरकर उससे मिलने पहुंचने लगी। उसकी ननद ने एक बार उन्हें देख लिया तो उसनेपक्के घडे की जगह कच्चा घडा रख दिया। सोहनी घडे द्वारा नदी पार करने लगी तो डूब गई। महिवाल उसे बचाने के लिए नदी में कूदा, वह भी डूब गया। इस तरह यह दुख भरी प्रेम कहानी खत्म हो गई।
ढोला-मारु
राजपूत प्रेम की गाथा है ढोला-मारु। पूगल का शासक था पिंगल। उसने अपनी नन्ही पुत्री मारु का बाल विवाह नरवार के राजा नल के पुत्र ढोला से कर दिया। बडे होने पर उसे विदा किया जाना था। ढोला बडा होने लगा लेकिन तभी नल की मौत हो गई और ढोला विवाह की बात भूल गया। उसका विवाह मलवानी से हो गया। मारु ने कई बार अपने दूतों को ढोला के पास संदेश के साथ भेजा, लेकिन हर बार उसकी पत्नी ने उन्हें बीच ही रोक दिया। अंत में मारु ने कुछ लोक गायकों को ढोला के पास भेजा, जिन्होंने ढोला को विवाह की बात याद दिलाई। ढोला मारु से मिलने की चेष्टा करने लगा लेकिन उसकी ईष्र्यालु पत्नी ने उससे कहा कि मारु मर चुकी है। ढोला नहीं रुका, चलता गया। रास्ते में ही डकैतों के गिरोह से टकराया और गिरोह के सरदार ने उससे कहा कि मारु का अन्यत्र विवाह हो चुका है। यह डकैत भी मारु से एकतरफा प्रेम करता था। ढोला मारु से मिलने के अपने निश्चय पर अडिग था। अंतत: वह मारु से मिलने पहुंच गया। लेकिन कष्टों का अंत अभी न हुआ था। लौटते हुए रेगिस्तान के सांप ने मारु को डस लिया और वह गहन मूर्छावस्था में चली गई। राजपूत इतिहास में पहली बार ढोला ने पत्नी की चिता के साथ खुद सती होना चाहा। इसी बीच एक योगी-योगिनी ने कहा कि वह मारु को जीवित कर सकते हैं। उन्होंने मारु को पुन: जीवनदान दिया। दोनों फिर महल को लौटने लगे, तभी डकैतों का सरदार उन्हें मारने आ गया, लेकिन लोक गायकों ने उन्हें बचा लिया। अंतत: वे अपने महल लौट सके, अनेक दुखों के बाद एक सुखांत प्रेम कहानी बन सकी।
शीरीं-फरहाद
फारस की पृष्ठभूमि में जन्मी इस कहानी का पात्र फरहाद एक शिल्पकार था, जो राजकुमारी शीरीं से बेइंतहा मुहब्बत करता था, लेकिन राजकुमारी इस प्रेम से अनभिज्ञ थी। निराश फरहाद पहाडों में जाकर रहने लगा और बांसुरी पर राजकुमारी की प्रशंसा में धुनें बजाने लगा। जब यह बात शीरीं को मालूम हुई तो वह फरहाद से मिली और उसके प्रेम में गिरफ्त हो गई। शीरीं के पिता और राजा नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी एक आम आदमी से शादी करे। आखिर उन्होंने अपनी बेटी के सामने शर्त रखी कि यदि फरहाद पहाडों के बीच चट्टानों में नहर खोद दे तो वह शीरीं का विवाह उससे कर देंगे। यह बेहद मुश्किल कार्य था, लेकिन फरहाद ने नहर खोदनी शुरू की। उसकी अथक मेहनत देखकर राजा को लगा कि कहीं फरहाद अपना लक्ष्य प्राप्त न कर ले। नहर पूरी होने को थी, घबराए हुए राजा ने अपने दरबारियों से बेटी के विवाह की खातिर मशविरा करना चाहा। उनके वजीर ने सलाह दी कि किसी बूढी स्त्री को फरहाद के पास भेजें और यह संदेश दें कि राजकुमारी की मौत हो चुकी है। तब एक बूढी स्त्री फरहाद के पास पहुंची और जोर-जोर से रोने लगी। फरहाद ने उससे रोने का कारण पूछा तो बुढिया ने कहा, तुम जिसके लिए अपने शरीर को खटा रहे हो-वह तो मर चुकी है। यह सुनकर फरहाद को सदमा पहुंचा और उसने अपने औजारों से खुद को मार लिया, नहर बन चुकी थी, मगर पानी की जगह उसमें फरहाद का लहू बह रहा था। फरहाद की मौत की खबर सुनकर शीरीं ने भी खुद को खत्म कर लिया। इस तरह एक और प्रेम कहानी असमय मौत की गोद में सो गई।
प्यार की कहानी (love story)
सावित्री-सत्यवान
अप्रतिम सौंदर्य की धनी सावित्री राजघराने की थीं, उनके सौंदर्य के चर्चे दूर-दूर तक विख्यात थे। उन्होंने अपने पिता के समक्ष खुद वर ढूंढने की इच्छा रखी। उनके पिता ने सावित्री की िजद के कारण उन्हें देशाटन कर अपना वर खोजने की इजाजत दी। एक दिन किसी घने जंगल में उनकी भेंट साम्राज्य खो चुके एक वृद्ध और अंधे राजा से हुई। एक छोटी-सी कुटिया में राजा-रानी और उनका युवा पुत्र जीवन व्यतीत कर रहे थे। राजकुमार लकडी काटकर उसे हाट में बेचता और माता-पिता के लिए भोजन जुटाता। सावित्री को ऐसे ही वर की तलाश थी, लेकिन उनके पिता गरीब राजकुमार से बेटी की शादी के पक्ष में तैयार न हुए। राजा को पता चला कि राजकुमार की आयु मात्र एक वर्ष और है, इस पर भी जब सावित्री, सत्यवान से विवाह के फैसले पर अडी रहीं तो अंतत: भारी मन से राजा ने हामी भर दी। विवाह के बाद सावित्री पति की कुटिया में रहने लगीं। वर्ष के अंतिम दिन सावित्री जल्दी उठीं, सत्यवान से साथ जंगल जाने की प्रार्थना की। दोपहर के समय सत्यवान को कुछ थकान महसूस हुई तो वह सावित्री की गोद में सिर रखकर अचेतावस्था में चले गए। सावित्री कुछ समझतीं, इससे पूर्व ही यमराज प्रकट हुए और सावित्री से सत्यवान को ले जाने की बात कही। सावित्री ने यमराज से विनती की कि वह उन्हें भी पति के साथ मृत्यु वरण करने दें। यमराज इसके लिए तैयार न हुए। सावित्री की िजद पर उन्होंने सत्यवान के जीवन के अलावा कोई दूसरा वरदान मांगने को कहा। सावित्री ने पुत्रवती होने का आशीर्वाद मांगा। यमराज ने वरदान दिया और चलने को हुए, तभी सावित्री ने कहा, जब आप मेरे पति को ही साथ ले जा रहे हैं तो मैं पुत्रवती कैसे हो सकती हूं। अंत में यमराज ने सत्यवान के प्राण लौटा दिए और अटल निश्चय वाली सावित्री के प्रेम की जीत हुई, उन्होंने पति का जीवन वापस पा लिया।
अप्रतिम सौंदर्य की धनी सावित्री राजघराने की थीं, उनके सौंदर्य के चर्चे दूर-दूर तक विख्यात थे। उन्होंने अपने पिता के समक्ष खुद वर ढूंढने की इच्छा रखी। उनके पिता ने सावित्री की िजद के कारण उन्हें देशाटन कर अपना वर खोजने की इजाजत दी। एक दिन किसी घने जंगल में उनकी भेंट साम्राज्य खो चुके एक वृद्ध और अंधे राजा से हुई। एक छोटी-सी कुटिया में राजा-रानी और उनका युवा पुत्र जीवन व्यतीत कर रहे थे। राजकुमार लकडी काटकर उसे हाट में बेचता और माता-पिता के लिए भोजन जुटाता। सावित्री को ऐसे ही वर की तलाश थी, लेकिन उनके पिता गरीब राजकुमार से बेटी की शादी के पक्ष में तैयार न हुए। राजा को पता चला कि राजकुमार की आयु मात्र एक वर्ष और है, इस पर भी जब सावित्री, सत्यवान से विवाह के फैसले पर अडी रहीं तो अंतत: भारी मन से राजा ने हामी भर दी। विवाह के बाद सावित्री पति की कुटिया में रहने लगीं। वर्ष के अंतिम दिन सावित्री जल्दी उठीं, सत्यवान से साथ जंगल जाने की प्रार्थना की। दोपहर के समय सत्यवान को कुछ थकान महसूस हुई तो वह सावित्री की गोद में सिर रखकर अचेतावस्था में चले गए। सावित्री कुछ समझतीं, इससे पूर्व ही यमराज प्रकट हुए और सावित्री से सत्यवान को ले जाने की बात कही। सावित्री ने यमराज से विनती की कि वह उन्हें भी पति के साथ मृत्यु वरण करने दें। यमराज इसके लिए तैयार न हुए। सावित्री की िजद पर उन्होंने सत्यवान के जीवन के अलावा कोई दूसरा वरदान मांगने को कहा। सावित्री ने पुत्रवती होने का आशीर्वाद मांगा। यमराज ने वरदान दिया और चलने को हुए, तभी सावित्री ने कहा, जब आप मेरे पति को ही साथ ले जा रहे हैं तो मैं पुत्रवती कैसे हो सकती हूं। अंत में यमराज ने सत्यवान के प्राण लौटा दिए और अटल निश्चय वाली सावित्री के प्रेम की जीत हुई, उन्होंने पति का जीवन वापस पा लिया।
प्यार की कहानी -3 (love story)
शकुंतला-दुष्यंत
महाभारत काल में उपजी यह प्रेम कथा बेहद मार्मिक है। महाकवि कालिदास की अमर रचना अभिज्ञान शाकुंतलम में इसका उल्लेख किया गया है। पुरु साम्राज्य के राजा दुष्यंत आखेट के लिए गए थे, तभी उन्होंने अपूर्व सुंदरी शकुंतला को देखा और उनके प्रति आकर्षित हो गए। दोनों ने गंधर्व विवाह किया, अपने महल को लौटते हुए दुष्यंत ने शकुंतला को एक अंगूठी निशानी के बतौर दी। एक बार जब शकुंतला अपने प्रेमी के खयालों में खोई हुई थीं, ऋषि दुर्वासा उनकी कुटिया पर आए। खुद में डूबी शकुंतला को ऋषि के आने की आहट न मिल सकी। इसे अपना अपमान समझ क्रोधित दुर्वासा ने उन्हें शाप दिया- जिसके खयालों में तुम इतनी खोई हो, वह तुम्हें भूल जाएगा..। बाद में ऋषि से माफी मांगते हुए शकुंतला बहुत रोई, तब उन्होंने कहा, जब तुम प्रेमी की दी गई निशानी उसे दिखाओगी, वह तुम्हें पहचान लेगा। शकुंतला गर्भवती थीं, लेकिन राजा दुष्यंत की कोई सूचना न थी। शकुंतला को उनके पिता ने शाही दरबार में भेजा, ताकि वह दुष्यंत से मिल सकें लेकिन रास्ते में एक नदी में दुष्यंत द्वारा दी गई अंगूठी कहीं गिर गई। ऋषि के शाप के प्रभाव में दुष्यंत ने शकुंतला को न पहचाना। शकुंतला ने अंगूठी दिखानी चाही, किंतु वह तो पहले ही नदी में गिर चुकी थी। अंगूठी को एक मछली ने निगल लिया था। बाद में एक मछुआरे ने मछली के पेट से वह अंगूठी निकाली और वह उसे लेकर दरबार में गया और राजा को अंगूठी दिखाई। अंगूठी देखकर दुष्यंत को भुली सारी दास्तान याद आ गई। इस तरह यह प्रेम कहानी पूर्णता तक पहुंची। उनके पुत्र का नाम भरत पडा। कहा जाता है कि भारतवर्ष का नाम उसके नाम पर ही रखा गया।
महाभारत काल में उपजी यह प्रेम कथा बेहद मार्मिक है। महाकवि कालिदास की अमर रचना अभिज्ञान शाकुंतलम में इसका उल्लेख किया गया है। पुरु साम्राज्य के राजा दुष्यंत आखेट के लिए गए थे, तभी उन्होंने अपूर्व सुंदरी शकुंतला को देखा और उनके प्रति आकर्षित हो गए। दोनों ने गंधर्व विवाह किया, अपने महल को लौटते हुए दुष्यंत ने शकुंतला को एक अंगूठी निशानी के बतौर दी। एक बार जब शकुंतला अपने प्रेमी के खयालों में खोई हुई थीं, ऋषि दुर्वासा उनकी कुटिया पर आए। खुद में डूबी शकुंतला को ऋषि के आने की आहट न मिल सकी। इसे अपना अपमान समझ क्रोधित दुर्वासा ने उन्हें शाप दिया- जिसके खयालों में तुम इतनी खोई हो, वह तुम्हें भूल जाएगा..। बाद में ऋषि से माफी मांगते हुए शकुंतला बहुत रोई, तब उन्होंने कहा, जब तुम प्रेमी की दी गई निशानी उसे दिखाओगी, वह तुम्हें पहचान लेगा। शकुंतला गर्भवती थीं, लेकिन राजा दुष्यंत की कोई सूचना न थी। शकुंतला को उनके पिता ने शाही दरबार में भेजा, ताकि वह दुष्यंत से मिल सकें लेकिन रास्ते में एक नदी में दुष्यंत द्वारा दी गई अंगूठी कहीं गिर गई। ऋषि के शाप के प्रभाव में दुष्यंत ने शकुंतला को न पहचाना। शकुंतला ने अंगूठी दिखानी चाही, किंतु वह तो पहले ही नदी में गिर चुकी थी। अंगूठी को एक मछली ने निगल लिया था। बाद में एक मछुआरे ने मछली के पेट से वह अंगूठी निकाली और वह उसे लेकर दरबार में गया और राजा को अंगूठी दिखाई। अंगूठी देखकर दुष्यंत को भुली सारी दास्तान याद आ गई। इस तरह यह प्रेम कहानी पूर्णता तक पहुंची। उनके पुत्र का नाम भरत पडा। कहा जाता है कि भारतवर्ष का नाम उसके नाम पर ही रखा गया।
प्यार की कहानी -2 (love story)
राधा-कृष्ण
सखा भाव पर आधारित राधा-कृष्ण का प्रेम अमर है। कला की हर विधा में इस प्रेम का चित्रण मिलता है। असंख्य गोपियों के संग रास रचाने वाले, रुक्मणि-सत्यभामा के पति और मीरा बाई की भक्ति में रची-पगी रचनाओं के पात्र थे कृष्ण। खुद से बडी उम्र की राधा से उनके प्रेम को सामाजिक मान्यता मिली, यहां तक कि उनका नाम ही राधा के साथ लिया गया। वृषभानु की पुत्री राधा और कृष्ण के इस प्रेम ने कई मायनों में परंपराओं को तोडा था। महाकवि सूरदास के प्रभु, महाभारत में अर्जुन के मार्गदर्शक, राधा के शाश्वत प्रेमी और द्रौपदी की लाज बचाने वाले कृष्ण संभवत: स्त्री-पुरुष समानता के प्रबल पक्षधर भी थे। गोविंद दास, चैतन्य महाप्रभु और गीत गोविंद के रचनाकार जयदेव की रचनाओं में राधा-कृष्ण के इस प्रेम का चित्रण बखूबी मिलता है।
सखा भाव पर आधारित राधा-कृष्ण का प्रेम अमर है। कला की हर विधा में इस प्रेम का चित्रण मिलता है। असंख्य गोपियों के संग रास रचाने वाले, रुक्मणि-सत्यभामा के पति और मीरा बाई की भक्ति में रची-पगी रचनाओं के पात्र थे कृष्ण। खुद से बडी उम्र की राधा से उनके प्रेम को सामाजिक मान्यता मिली, यहां तक कि उनका नाम ही राधा के साथ लिया गया। वृषभानु की पुत्री राधा और कृष्ण के इस प्रेम ने कई मायनों में परंपराओं को तोडा था। महाकवि सूरदास के प्रभु, महाभारत में अर्जुन के मार्गदर्शक, राधा के शाश्वत प्रेमी और द्रौपदी की लाज बचाने वाले कृष्ण संभवत: स्त्री-पुरुष समानता के प्रबल पक्षधर भी थे। गोविंद दास, चैतन्य महाप्रभु और गीत गोविंद के रचनाकार जयदेव की रचनाओं में राधा-कृष्ण के इस प्रेम का चित्रण बखूबी मिलता है।
love story (प्यार की कहानी )-1
अमर प्रेम कथाएं
भारतीय संस्कृति में प्रेम को बेहद पवित्र और अनछुई-सी भावना समझा जाता है। आज हम बेशक वेलेंटाइन डे के रंग में रंगने लगे हों, लेकिन फरवरी में ही आने वाली बसंत पंचमी हमारी संस्कृति में प्रेम दिवस के रूप में ही मनाई जाती है। प्रेम की बात चली है तो कामदेव का िजक्र अनिवार्य है। ब्रह्मा के हृदय से निकले कामदेव प्रेम के देवता हैं। उनकी पत्नियां रति और प्रीति हैं, उनका वाहन तोता है और उनका सहचर बसंत है। अप्सराएं, गंधर्व और किन्नर उनके साथी हैं। कहा जाता है कि शिव के तीसरे नेत्र की अग्नि में कामदेव भस्म हो गए थे।
मशहूर प्रेम कथाओं में राधा-कृष्ण, शकुंतला-दुष्यंत, सावित्री-सत्यवान जैसी पौराणिक कथाओं के अलावा रानी रूपमती-बाज बहादुर, सलीम-अनारकली, हीर-रांझा, लैला-मजनूं, सोहनी-महिवाल, ढोला-मारू जैसे प्रेम चरित्रों की गाथाएं अमर हैं।
भारतीय संस्कृति में प्रेम को बेहद पवित्र और अनछुई-सी भावना समझा जाता है। आज हम बेशक वेलेंटाइन डे के रंग में रंगने लगे हों, लेकिन फरवरी में ही आने वाली बसंत पंचमी हमारी संस्कृति में प्रेम दिवस के रूप में ही मनाई जाती है। प्रेम की बात चली है तो कामदेव का िजक्र अनिवार्य है। ब्रह्मा के हृदय से निकले कामदेव प्रेम के देवता हैं। उनकी पत्नियां रति और प्रीति हैं, उनका वाहन तोता है और उनका सहचर बसंत है। अप्सराएं, गंधर्व और किन्नर उनके साथी हैं। कहा जाता है कि शिव के तीसरे नेत्र की अग्नि में कामदेव भस्म हो गए थे।
मशहूर प्रेम कथाओं में राधा-कृष्ण, शकुंतला-दुष्यंत, सावित्री-सत्यवान जैसी पौराणिक कथाओं के अलावा रानी रूपमती-बाज बहादुर, सलीम-अनारकली, हीर-रांझा, लैला-मजनूं, सोहनी-महिवाल, ढोला-मारू जैसे प्रेम चरित्रों की गाथाएं अमर हैं।
प्यार की भाषा (pyaar ki bhasha)
प्यार एक ऐसी भावना है, जो हर इंसान के लिए महत्वपूर्ण है। केवल इसे जताने व कहने के तौर-तरीके फर्क है। मैं तुम्हें प्यार करता हूं, सामान्य से लेकिन अर्थपूर्ण इस वाक्य का इजहार भिन्न-भिन्न भाषाओं में कैसे होता है, आइए जानें :
इंगलिश-आई लव यू।
बांग्ला-आमी तुमा के भालो बाशी।
गुजराती-हूं तने प्रेम करूं छूं।
कोंकणी-तू मागेल मोगा छो।
मलयालम-नजन निन्नेप्रेमीकुन्नू।
मराठी-मी तुला प्रेम करतो।
सिंधी-मा तोखे प्यार केन्दो अहयन।
तमिल-नान उन्नई कथालीकरेन।
तेलुगू-नेनू निन्नू प्रेमीसतुन्नानु।
उर्दू-मैं आप से प्यार करता हूं।
फारसी-दोसेत दरम।
फ्रेंच-ज तेम, ज आमर तू।
ग्रीक-सागापो।
इटैलियन-ती आमो।
जैपनीज-आइशीतेरू।
कन्नड-नानू नीन्ना प्रीतिसुतैन।
कोरियन-सारंग हेयो।
लैटिन-ते आमो।
परशियन-दू-सेट दारम।
थाई-(पुरुष से) चान रक खुन।
(स्त्री से) फोम रक खुन।
जर्मन-इच लीबे दिच।
इंगलिश-आई लव यू।
बांग्ला-आमी तुमा के भालो बाशी।
गुजराती-हूं तने प्रेम करूं छूं।
कोंकणी-तू मागेल मोगा छो।
मलयालम-नजन निन्नेप्रेमीकुन्नू।
मराठी-मी तुला प्रेम करतो।
सिंधी-मा तोखे प्यार केन्दो अहयन।
तमिल-नान उन्नई कथालीकरेन।
तेलुगू-नेनू निन्नू प्रेमीसतुन्नानु।
उर्दू-मैं आप से प्यार करता हूं।
फारसी-दोसेत दरम।
फ्रेंच-ज तेम, ज आमर तू।
ग्रीक-सागापो।
इटैलियन-ती आमो।
जैपनीज-आइशीतेरू।
कन्नड-नानू नीन्ना प्रीतिसुतैन।
कोरियन-सारंग हेयो।
लैटिन-ते आमो।
परशियन-दू-सेट दारम।
थाई-(पुरुष से) चान रक खुन।
(स्त्री से) फोम रक खुन।
जर्मन-इच लीबे दिच।
रविवार, 14 फ़रवरी 2010
love test
फिर भी पहली नजर के प्यार के बारे में लोगों का मुगालता नहीं टूटता। क्या कहा? आप भी पहली नजर के प्यार के मुरीद हैं और आपको यह अंदाजा नहीं है कि आपका प्यार परवान चढ़ेगा या यूँ ही दोस्तों के बीच खाली समय का किस्सा बनकर रह जाएगा? अगर परेशान हैं और स्थिति का आकलन नहीं कर पा रहे हैं तो इस क्विज में हिस्सा लीजिए। नतीजे आपको खुद-ब-खुद बता देंगे कि आपकी मोहब्बत की हकीकत क्या है।
1. क्या पहली नजर में किसी के प्रति आकर्षित होने को प्यार माना जा सकता है?
(क) हाँ।
(ख) नहीं।
(ग) यह महज आकर्षण है।
(घ) अपवाद के तौर पर।
2. प्यार के लिए आखिर किस चीज की जरूरत होती है?
(क) सुंदर होने की।
(ख) प्यार के लिए किसी चीज की जरूरत नहीं होती।
(ग) रुचियाँ और लक्ष्य समान होना चाहिए।
(घ) आर्थिक स्थिति बेहतर होनी चाहिए।
3. क्या पहली नजर में आप किसी के स्वभाव की थाह ले सकते हैं?
(क) हाँ।
(ख) नहीं।
(ग) किसी के स्वभाव को कभी नहीं जाना जा सकता।
(घ) प्यार के लिए इसकी कोई जरूरत नहीं है।
4. क्या पहली नजर का प्यार सचमुच स्थायी होता है?
(क) हाँ।
(ख) कभी-कभी।
(ग) कभी नहीं।
(घ) प्यार स्थायी प्रतिक्रिया ही नहीं है।
5. किसी ने आपसे कहा कि आप उसका पहला और आखिरी प्यार है।
(क) आप इस पर सहज विश्वास कर लेंगे।
(ख) मानकर चलेंगे कि यह तो हर प्रेमी का जुमला होता है।
(ग) समझेंगे कि यह सफेद झूठ है।
(घ) इस तरह की बातों पर ध्यान ही नहीं देंगे।
6. फिल्मों में हीरो-हीरोइनों के बीच पहली नजर में ही जन्म-जन्मांतर के लिए प्यार हो जाता है, आपके मुताबिक
(क) हकीकत में भी ऐसा संभव है।
(ख) फिल्मों की हकीकत से तुलना करना ही बेमानी है।
(ग) ऐसा कभी नहीं होता।
(घ) पता नहीं
7. आप जीवन में पहली बार किसी मुसीबत में फँसे हैं और किसी ने आपकी मदद की। क्या इस मदद की एवज में-
(क) उससे प्यार करना ही चाहिए।
(ख) कोई जरूरी नहीं है।
(ग) अक्सर प्यार हो ही जाता है।
(घ) पता नहीं।
आकलन :- यहाँ हर सवाल के लिए 4 जवाब हैं। 4 में से किसी 1 जवाब के लिए 5 अंक दिए गए हैं, शेष के लिए शून्य है। यदि आप 30 से 35 अंक हासिल करते हैं तो इसका मतलब है कि पहले प्यार के बारे में आपका नजरिया दुरुस्त है। यदि आपको 20 से 25 अंक मिलते हैं तो भी चिंता की बात नहीं है। लेकिन यदि आपको 15 अंकों से कम मिलते हैं तो इसका मतलब यह है कि पहले प्यार के बारे में आपका नजरिया रूमानी है। हकीकत से उसका कुछ लेना-देना नहीं है।
उत्तर :- 1-घ, 2-ग., 3-ख, 4-ख., 5-ख, 6-ख, 7-ख
प्यार क्या है {pyaar kya hai}

ND
NDइसे सेल्फ इंप्रूविंग भी कहा जाता है। इसका मतलब यह भी है कि इससे हम अपने को बेहतर ढंग से जान पाते हैं। इसलिए अपने को निखारना आना चाहिए। इसका मतलब अपनी क्षमताओं और योग्यताओं में विश्वास करना। छात्रों को खुद को बेहतर बनाने के लिए इन आठ सीढ़ियों का इस्तेमाल चाहिए।
रचनात्मक आलोचना करें :
हर कोई अपना कटु आलोचक हो सकता है लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हर छात्र को अपनी आलोचना करनी आनी चाहिए। आप ऐसा संभव कर सकें तो बेहतर परिणाम हासिल कर सकते हैं इसलिए अपने दिमाग में आ रहे नकारात्मक भावों को खत्म करें और रचनात्मक आलोचना करें।
माफ करें :
कई बार होता है कि छात्र अपनी पिछली गलतियों को नहीं भूलते और अपने को इसके लिए कभी माफ नहीं करते। यही कारण है कि वे किसी ट्रामा या ट्रेजेडी से कभी पूरी तरह उभर नहीं पाते। इसलिए जिस तरह हम दूसरों की गलतियों को सहजता से भूल जाते हैं, उन्हें माफ कर देते हैं, ठीक इसी तरह अपनी गलतियों के लिए अपने को भी माफ करना चाहिए। बस ध्यान रखें कि अब उस गलती को कभी न दोहराएं ।
ईमानदारी :
सच का सामना ईमानदारी से करें यानी अपने से कभी झूठ न बोलें। यदि आप अपने प्रति ईमानदार रहेंगे तो ही दूसरों के प्रति ईमानदार हो सकेंगे। यह बात करियर से लेकर दोस्ती तक में काम आती है। कई बार ऐसा होता है कि अनजाने में बोला गया छोटा सा झूठ हमेशा आपकी दोस्ती में दरार पैदा कर सकता है ।
अपने में विश्वास :
यह बात कभी नहीं भूलनी चाहिए कि हम सभी में कुछ खास हैं। हर छात्र में कुछ न कुछ खासियत होती है। इसलिए अपनी किसी भी क्षमता, कुशलता और योग्यता या किसी भी तरह की खासियत में विश्वास रखिए।
यारा सिली सिली :
याद रखिए कि जब आप बच्चे थे तो इस बात कि कभी चिंता नहीं करते थे कि आपके बारे में कौन, क्या सोचता है। इसलिए इस दुनिया का सामना एक बच्चे की तरह करें और बच्चों की तरह ही रिएक्ट करें। कभी बबल्स बनाएँ, कभी कोई गाना गुनगुनाएँ और कभी बच्चों की तरह फनी फेस बनाकर इस जिंदगी का मजा लें। गंभीरता कई बार जिंदगी का मजा किरकिरा कर देती है। एंजॉय द लाइफ विद स्माइल।
दूसरों को धन्यवाद दें :
हम हमेशा प्रार्थना करते हुए ईश्वर को धन्यवाद देते हैं कि हमारी जिंदगी में सब कुछ अच्छा हो रहा है या कि हम स्वस्थ हैं, खुश हैं। इसलिए दूसरों को किसी अच्छे काम के लिए धन्यवाद दें। यह अपने से प्रेम का ही एक तरीका है। इससे आप एक बेहतर इंसान बनते हैं।
समय निकालें :
हमेशा छात्र करियर और प्रतियोगिता की आपाधापी में दौड़ते-हाँफते रहते हैं। आराम के लिए पर्याप्त समय निकालें। यह आपके जोश पर जबर्दस्त असर करता है। अपने पसंदीदा संगीत सुनें या वह करें, जिसमें आप भरपूर मस्ती कर सकते हैं।
जोखिम लें :
कई बार छात्र किसी तरह का जोखिम लेने से डरते हैं। वे चाहते हैं कि हमेशा आराम की स्थिति ही बरकरार रहे। याद रखिए जिंदगी में छोटे-मोटे रिस्क कभी किसी को नुकसान या आहत नहीं करते। इसलिए हमेशा कुछ अच्छा करने की कोशिश करें। यह आपका आत्मविश्वास बढ़ाता है। कई बार ऐसा होता कि आप कुछ ऐसा अलग कर जाते हैं जिसे करने से आप हमेशा कतराते थे। ऐसा करने से आपका डर खत्म हो जाता है।
लाल गुलाब

वैलेंटाइन केवल प्रेमी-प्रेमिकाओं का ही त्योहार नहीं इस दिन हर उस व्यक्ति के प्रति स्नेह जताने का चलन हो गया है,जिसे किसी भी रूप में प्यार किया जाता हो। लोग अपने दोस्तों, शिक्षकों, वरिष्ठों को भी फूल देकर स्नेह और आदर प्रकट करते हैं। यह जरूर है कि स्नेह की भावना के प्रकार को प्रकट करने के लिए फूलों का रंग अलग-अलग होते हैं।
लाल गुलाब सबसे कीमती :
सफेद शांति का,पीला-गुलाबी दोस्ती का और लाल प्यार का प्रतीक है। यही कारण है कि लाल रंग के गुलाब की कीमत इस दिन सबसे ज्यादा होती है। पीला गुलाब जहाँ 15 रुपए का मिलता है,तो लाल गुलाब 20 रुपए का। बाकी सभी रंग दस-दस रुपए में भी मिल जाते हैं।
कोच्चि से आता है दिल जैसा फूल :
वैसे तो गुलाब देकर ही प्यार का इजहार करने का चलन अधिक है, मगर कुछ शौकीन प्रेमी एन्थोरियम फूल भी देते हैं। दिल के आकार का यह फूल कोच्चि से मँगाया जाता है। यह सफेद अथवा गुलाबी रंग में मिलता है। इसकी कीमत भी 50 रुपए ही होती है।
हर रंग कुछ कहता है :
फूल तो वह गुलाब का ही है, लेकिन हर फूल का रंग अलग बात कहता है। इसलिए जब भी आप अपनी भावनाओं का इजहार करना चाहें, तो बेशक गुलाब का चुनाव करें लेकिन उसके रंग पर खास ध्यान दें। सही रंग का चयन करने से आपकी अभिव्यक्ति को ज्यादा अर्थ मिल जाएँगे।
कई रंगों में उपलब्ध गुलाबों के बीच अमूमन लोग यह अंतर नहीं समझ पाते कि किस समय और किसे उन्हें कौन सा गुलाब देना चाहिए? कुछ लोगों को यह समझ नहीं आता कि उन्हें कितनी संख्या में गुलाब भेंट करना चाहिए। किसी को गुलाब देते समय न केवल रंगों पर ध्यान देने की जरूरत है, बल्कि गुलाबों की संख्या और गुलाब की परिपक्वता भी आपकी भावनाओं का इजहार करती है। दो गुलाबों का अर्थ, दो होकर भी एक से है। परंपरागत रूप से दो गुलाबों को किसी भी सगाई या शादी में दिया जाता है।
लाल रंग का गुलाब :
इस रंग का गुलाब सच्चे प्यार को प्रर्दिशत करता है। इसके अलावा लाल गुलाब इज्जत, पैशन और उत्साह को दर्शाता है।
गुलाबी रंग का गुलाब :
खूबसूरती और एलीगेंस का प्रतीक है गुलाबी गुलाब। हल्के गुलाबी रंग के गुलाब का अर्थ सहानुभूति और गहरे गुलाबी रंग के गुलाब को कृतज्ञता से जो़ड़कर देखा जाता है।
लैवेंडर रोज :
इसे जादू या मोह से जो़ड़ा जाता है। यदि किसी को पहली नजर में प्यार हो गया हो, तो वह इन गुलाबों को उस व्यक्ति को भेंट कर सकता है।
सफेद गुलाब :
इसको शुद्घता और सरलता से जो़ड़कर देखा जाता है। किसी को सफेद गुलाब देने का अर्थ उसके प्रति प्यार और इज्जत दिखाना है।
गुलाब की कली :
गुलाब की कली जवां मोहब्बत या सरलता का प्रतीक है। पूरी तरह से खिला गुलाब आपके विकसित प्रेम का सबूत है। एक खिले गुलाब के साथ दो गुलाब की कली, आपके गुप्त प्यार की परिचायक है।
वैलेंटाइन डे पर गुलाब के दाम :
लाल गुलाब - 20 से 50 रुपए का एक
पीला गुलाब - 15 से 50 रुपए का एक
गुलाबी गुलाब - 10 रुपए
सफेद गुलाब - 10 रुपए
प्यार हो गया है (pyaar ho gaya hai)-2
| ||||||||
* उसको ध्यान में रखकर आप 'मैं' की बजाय अब 'हम' शब्द का इस्तेमाल ज्यादा करने लगते हैं।
* फुर्सत के पलों में आप बेवजह उसका नाम लिखने बैठ जाते हैं।
* रोमांटिक गीतों के हर शब्द पर आप गौर करने लगते हैं और हर गाना आपको अपनी ही दास्तान लगता है। कल्पना करते हुए आप साथ में गाने भी लगते हैं।
* वो शहर से कुछ दिनों के लिए बाहर हो तो बेचैनी में और तन्हाई से बचने के लिए आप बिना किसी काम के ही अपने मित्रों के साथ वक्त गुजारते हैं और उन्हें अपने किस्से सुना-सुनाकर बोर करते हैं।
* आप पूरी दुनिया को भूल बैठे हैं। आपको अपनी भी खबर नहीं रहती। उसकी याद में आप होश खो बैठते हैं। कहीं के लिए निकले हैं और कहीं निकल जाते हैं।
* उसके खयाल में आप खाना-पीना, पढ़ना लिखना सब भूल जाते हैं। ये सारे काम आपको बेकार लगते हैं।
* बिना किसी प्रयास के ही आपका वजन घटने लगता है लोग कहते हैं क्या बात है डायटिंग पर हो?
* अपनी हेयर स्टाइल तथा ड्रेसिंग स्टाइल बदलने के लिए आप 'उससे' मशविरा लेते हैं।
* आपको लगता है कि वो कभी कुछ भी गलत कर ही नहीं सकता।
* आपने दूसरे सारे लड़कों या लड़कियों से हँसी-मजाक तक करना छोड़ दिया है, आपको अब उनका साथ अच्छा नहीं लगता है।
* आपको हर वक्त, आधी रात को भी फोन बजे तो लगता है उसी का फोन है।
* उसकी सारी कमियाँ में आपको खूूबियाँ नजर आने लगती हैं। उसकी हर बात आपको सेक्सी लगती है।
* उसके पसीने की बदबू भी आपको मदहोश बना देती है।
* आप अपने आप का कुछ ज्यादा ही ध्यान रखने लगते हैं।
* अब आप उसे उसके नाम से नहीं बुलाते। आपने उसे एक 'निकनेम' दे दिया है और उस 'निकनेम' से उसे पुकारते वक्त आप अपना सारा प्यार उंडेल देते हैं।
* उसे देखते ही आपके दिल की धड़कन बढ़ जाती है मानो आप मीलों से भागकर चले आ रहे हों। आपका टेम्प्रेचर भी बढ़ जाता है।
* उसकी हलकी-सी छुअन का एहसास आपके पूरे शरीर में हलचल मचा देता है.... और उस एक छुअन का एहसास आपके रोम-रोम में समा जाता है।
* आप बेवजह उसकी माँ-बहन या रिश्तेदारों से बड़े सम्मान से बातें करने लगते हैं।
* उसके घिसे-पिटे जोक्स पर भी आपको बहुत हँसी आती है।
* उसकी हर बेवकूफी और गलती आपको क्यूट लगती है।
* उससे मिलने के बाद, घंटों बात करने के बाद भी आपको लगता है कि काश, थोड़ा वक्त और मिल जाता या काश, इस मुलाकात का अंजाम कभी जुदाई न होता।
* यदि वह किसी की ओर देख भी ले तो आपको गवारा नहीं, आपका दिल आहत हो जाता है।
* उसका साथ आपको अच्छा लगने लगता है और बाकी सबका साथ बोर।
* उसकी हर बात से आप सहमत हो जाते हैं। उसकी हर सलाह आपको अच्छी लगने लगती है।
* अब आपको अपनी मनपसंद का खाना अच्छा नहीं लगता। अब आप मेनू देखते समय यह ध्यान रखते हैं कि उसे क्या पसंद है।
अगर ये सब कुछ या इनमें से कुछ आपके साथ हो रहा है। तो समझ लें कि- प्यार हुआ चुपके से...
प्यार हो गया है (pyaar ho gaya hai)
कभी आप मौन हो जाएँ, कभी बोल खो जाएँ, जब अपने आप की खबर ही न रहे, स्वयं का अस्तित्व किसी और में घुलता जाए। सारी बातें मन ही मन में चलती रहें। न तुम कुछ कहो, न मैं कुछ कहूँ। ऐसा ही कुछ-कुछ होता है जब प्रेम होता है। प्यार का पहला एहसास जागता है तो कुछ-कुछ नहीं बहुत कुछ होता है।
लेकिन कभी-कभी यह समझने में बड़ी कठिनाई होती है कि ये प्यार ही है या और कुछ। पहला-पहला प्यार हो तो कुछ समझ नहीं आता है कि क्या हो रहा है और क्यों हो रहा है ऐसा? किसी का अच्छा लगना और फिर एक ही मुलाकात में पूरी जिंदगी बन जाना.... ये कैसा एहसास है, जिसने पूरे जीवन को बदल डाला है। जिंदगी बदल गई है वो सब कुछ हो रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ.... कहीं आपको प्यार तो नहीं हो गया है.....
पता नहीं हाँ....नहीं.... बड़ी उलझन है.... लेकिन जानें तो कैसे जानें कि आपको प्यार हो गया है। शायद हम ही आपकी कुछ मदद कर सकें। अगर ऐसे ही कुछ एहसास आपके मन में भी जाग रहे हों तो समझ लें कि आपको प्यार, प्यार और सिर्फ प्यार हो गया है। क्या ये लक्षण आपको अपने में नजर आ रहे हैं? जरा देखिए-
* हर पल मन में कुछ बेचैनी-सी महसूस होती है। सब कुछ होने के बाद भी कहीं कुछ कमी-सी लगती है।
* उसका जिक्र छिड़ते ही प्यार की खुशबू आती है। उसका नाम सुनते ही चेहरे पर शर्मकी लाली छा जाती है, दिल धड़कने लगता है।
* पूरी रात इधर-उधर करवटें बदल-बदल कर ही बीतती है। नींद आती ही नहीं, आए भी तो कैसे? आँखें बंद करते ही वो सामने आ जाते हैं और फिर पूरी रात आँखों-आँखों में ही कट जाती है।
* वो साथ हों तो जिंदगी हसीन और मौसम खुशनुमा बन जाता है। आप इसी तरह की जिंदगी की ख्वाहिश करने लगते हैं।
* आपके चेहरे पर अचानक ही गजब का निखार आ जाता है। दोस्त कहने लगते हैं, ''कुछ तो चक्कर है.... लगता है ये प्यार की चमक है.... और आप शरमाकर मुँह छिपा लेते हैं।
* कभी शेरो-शायरी और कविता की ओर ध्यान न देने वाले आप अचानक ही ऐसी चीजों के दीवाने हो जाते हैं। दिन-दिन भर गजलें सुनने में बिता देते हैं। जगजीतसिंह आपके फेवरेट हो जाते हैं।
* अपनी जिंदगी की हर बात उससे जुड़ी-सी लगती है।
* बस इस बात का इंतजार रहता है कि किसी भी तरह से उसका दीदार हो जाए। दीदार होने पर दिल में फूल खिल जाते हैं।
* रोमांटिक फिल्में देखना और उसकी परिस्थितियों से अपने आप को जोड़ना आपको कुछ ज्यादा ही अच्छा लगने लगता है।
* आपको उसकी बेतुकी, बचकानी बातें भी अच्छी लगने लगती हैं और उन पर भी प्यार आता है।
* अचानक ही ईश्वर में आपका विश्वास बढ़ जाता है। आप ज्यादा दयालु और उदार हो जाते हैं।
लेकिन कभी-कभी यह समझने में बड़ी कठिनाई होती है कि ये प्यार ही है या और कुछ। पहला-पहला प्यार हो तो कुछ समझ नहीं आता है कि क्या हो रहा है और क्यों हो रहा है ऐसा? किसी का अच्छा लगना और फिर एक ही मुलाकात में पूरी जिंदगी बन जाना.... ये कैसा एहसास है, जिसने पूरे जीवन को बदल डाला है। जिंदगी बदल गई है वो सब कुछ हो रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ.... कहीं आपको प्यार तो नहीं हो गया है.....
पता नहीं हाँ....नहीं.... बड़ी उलझन है.... लेकिन जानें तो कैसे जानें कि आपको प्यार हो गया है। शायद हम ही आपकी कुछ मदद कर सकें। अगर ऐसे ही कुछ एहसास आपके मन में भी जाग रहे हों तो समझ लें कि आपको प्यार, प्यार और सिर्फ प्यार हो गया है। क्या ये लक्षण आपको अपने में नजर आ रहे हैं? जरा देखिए-
* हर पल मन में कुछ बेचैनी-सी महसूस होती है। सब कुछ होने के बाद भी कहीं कुछ कमी-सी लगती है।
* उसका जिक्र छिड़ते ही प्यार की खुशबू आती है। उसका नाम सुनते ही चेहरे पर शर्मकी लाली छा जाती है, दिल धड़कने लगता है।
![]() | ||
|
* वो साथ हों तो जिंदगी हसीन और मौसम खुशनुमा बन जाता है। आप इसी तरह की जिंदगी की ख्वाहिश करने लगते हैं।
* आपके चेहरे पर अचानक ही गजब का निखार आ जाता है। दोस्त कहने लगते हैं, ''कुछ तो चक्कर है.... लगता है ये प्यार की चमक है.... और आप शरमाकर मुँह छिपा लेते हैं।
* कभी शेरो-शायरी और कविता की ओर ध्यान न देने वाले आप अचानक ही ऐसी चीजों के दीवाने हो जाते हैं। दिन-दिन भर गजलें सुनने में बिता देते हैं। जगजीतसिंह आपके फेवरेट हो जाते हैं।
* अपनी जिंदगी की हर बात उससे जुड़ी-सी लगती है।
* बस इस बात का इंतजार रहता है कि किसी भी तरह से उसका दीदार हो जाए। दीदार होने पर दिल में फूल खिल जाते हैं।
* रोमांटिक फिल्में देखना और उसकी परिस्थितियों से अपने आप को जोड़ना आपको कुछ ज्यादा ही अच्छा लगने लगता है।
* आपको उसकी बेतुकी, बचकानी बातें भी अच्छी लगने लगती हैं और उन पर भी प्यार आता है।
* अचानक ही ईश्वर में आपका विश्वास बढ़ जाता है। आप ज्यादा दयालु और उदार हो जाते हैं।
न जाना के जां से जाता है कोई।
बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते॥
आपने किसी से प्यार किया हो और उनका इंतजार न किया ऐसा हो ही नहीं सकता। दरअसल प्यार और इंतजार एक-दूसरे से उसी तरह जुडें हैं, जिस तरह फूल और खुशबू।
कभी-कभी इंतजार करना बहुत दुश्वार हो जाता है। जैसे आप आँखें बिछाए उनका इंतजार कर रहे हैं और उनका फोन आता है कि अभी उन्हें आने में कुछ वक्त और लगेगा तो आपके लिए ये लम्हा बहुत ही फ्रस्टेट कर देने वाला होता है। ऐसे में आप गुस्सा होने के बजाए अगर उस वक्त का सही उपयोग करें तो आप अपनी लाइफ में रोमांस बढ़ा सकते हैं। यहाँ हम आपको बता रहे हैं कि उनका इंतजार कैसे किया जाए और इंतजार के हर लम्हें को खुशगवार कैसे बनाया जाए।
इंतजार का अपना ही एक मजा है, लेकिन कुछ लोग जरूर इसे बोर मानते हैं और अपने साथी से शिकायत करते हैं कि उन्हें इंतजार न करवाएँ। लेकिन जनाब जरा सोचिए कि आपके इंतजार करने के बाद जब वो आपसे मिलने आते हैं तो बेकरारी और मिलन का मजा भी तो दोगुना हो जाता है। जितना लंबा इंतजार उतना ज्यादा मिलन का सुखद एहसास, सौदा बुरा नहीं है। इंतजार करने के एवज में आप उन्हें प्यारी सी सजा भी दे सकते हैं।
अब रहा सवाल कि उनके इंतजार में वक्त कैसे गुजारा जाए, तो साथियों इसका सबसे अच्छा तरीका है कि जब तक वो न आएँ तब तक आप सोच सकते हैं कि होने वाली मुलाकात को कैसे यादगार बनाएँ और उनके आने पर आप सबसे पहले क्या करेंगे। साथ ही आप इंतजार की कीमत भी सोच सकते हैं, जो उनके आने पर वसूली जा सकती है। इसके अलावा आप इंतजार पर कुछ शेर पढ़ सकते हैं, जो कभी-कभी इम्प्रेशन मारने में तो काम आ सकते हैं। इसी बहाने आपको कुछ शेर-शायरी का भी अभ्यास हो जाएगा जो प्यार में बहुत एहमियत रखती है। अगर आप थोड़े क्रिएटिव हैं तो उनकी तारीफ में कोई गजल या कविता लिख सकते हैं, जो उनके लिए एक अनमोल तोहफा होगा।
जब आप किसी से प्यार करते हैं, तो उनके साथ ख्यालों की दुनिया तो जरूर सजाते होंगे। यानी उनका इंतजार करते हुए आप अपनी कल्पनाओं को साकार करने के बारे में सोच सकते हैं, जिसे आपके वो सुनकर निश्चित ही रोमांचित होंगे और आपको मिल सकेगा रोमांटिक होने का एक और बहाना।
तो जनाब इंतजार के फायदे भी हैं, लेकिन इसका मतलब ये भी नहीं कि आप उन्हें इतना इंतजार करवाएँ जिससे वे नाराज ही हो जाएँ। उनकी नाराजगी का ख्याल रखते हुए इंतजार के इन महत्वपूर्ण टिप्स पर अमल कीजिए तो आप को लगेगा की आपकी रोमांटिक लाइफ उनके इंतजार में और भी रोमांटिक हो गई है।
source-webdunia.com
बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते॥
![]() | ||
|
कभी-कभी इंतजार करना बहुत दुश्वार हो जाता है। जैसे आप आँखें बिछाए उनका इंतजार कर रहे हैं और उनका फोन आता है कि अभी उन्हें आने में कुछ वक्त और लगेगा तो आपके लिए ये लम्हा बहुत ही फ्रस्टेट कर देने वाला होता है। ऐसे में आप गुस्सा होने के बजाए अगर उस वक्त का सही उपयोग करें तो आप अपनी लाइफ में रोमांस बढ़ा सकते हैं। यहाँ हम आपको बता रहे हैं कि उनका इंतजार कैसे किया जाए और इंतजार के हर लम्हें को खुशगवार कैसे बनाया जाए।
इंतजार का अपना ही एक मजा है, लेकिन कुछ लोग जरूर इसे बोर मानते हैं और अपने साथी से शिकायत करते हैं कि उन्हें इंतजार न करवाएँ। लेकिन जनाब जरा सोचिए कि आपके इंतजार करने के बाद जब वो आपसे मिलने आते हैं तो बेकरारी और मिलन का मजा भी तो दोगुना हो जाता है। जितना लंबा इंतजार उतना ज्यादा मिलन का सुखद एहसास, सौदा बुरा नहीं है। इंतजार करने के एवज में आप उन्हें प्यारी सी सजा भी दे सकते हैं।
अब रहा सवाल कि उनके इंतजार में वक्त कैसे गुजारा जाए, तो साथियों इसका सबसे अच्छा तरीका है कि जब तक वो न आएँ तब तक आप सोच सकते हैं कि होने वाली मुलाकात को कैसे यादगार बनाएँ और उनके आने पर आप सबसे पहले क्या करेंगे। साथ ही आप इंतजार की कीमत भी सोच सकते हैं, जो उनके आने पर वसूली जा सकती है। इसके अलावा आप इंतजार पर कुछ शेर पढ़ सकते हैं, जो कभी-कभी इम्प्रेशन मारने में तो काम आ सकते हैं। इसी बहाने आपको कुछ शेर-शायरी का भी अभ्यास हो जाएगा जो प्यार में बहुत एहमियत रखती है। अगर आप थोड़े क्रिएटिव हैं तो उनकी तारीफ में कोई गजल या कविता लिख सकते हैं, जो उनके लिए एक अनमोल तोहफा होगा।
जब आप किसी से प्यार करते हैं, तो उनके साथ ख्यालों की दुनिया तो जरूर सजाते होंगे। यानी उनका इंतजार करते हुए आप अपनी कल्पनाओं को साकार करने के बारे में सोच सकते हैं, जिसे आपके वो सुनकर निश्चित ही रोमांचित होंगे और आपको मिल सकेगा रोमांटिक होने का एक और बहाना।
तो जनाब इंतजार के फायदे भी हैं, लेकिन इसका मतलब ये भी नहीं कि आप उन्हें इतना इंतजार करवाएँ जिससे वे नाराज ही हो जाएँ। उनकी नाराजगी का ख्याल रखते हुए इंतजार के इन महत्वपूर्ण टिप्स पर अमल कीजिए तो आप को लगेगा की आपकी रोमांटिक लाइफ उनके इंतजार में और भी रोमांटिक हो गई है।
source-webdunia.com
pyaar kya hai
ये इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लीजिए।
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है॥
जिगर मुरादबादी का ये शेर प्रेम की जटिलता को समझाने के लिए काफी है। दुनिया में सभी प्रेम करते हैं, पर बहुत ही कम लोग हुए हैं, जिन्होंने प्यार को ठीक तरह से समझा है। जिन्होंने समझा, उन्होंने अपने प्यार को नया आयाम दिया और उसे दुनिया के सामने आदर्श बनाकर प्रस्तुत किया।
आज के दौर में प्यार फैशन की तरह हो गया है और हर कहीं आपको ऐसे प्रेमी युगल मिल जाएँगे जो दुनिया वालों के तमाम उसूल और रीति-रिवाज ताक में रखकर एक-दूसरे को प्रेम करते हैं। पर क्या सभी प्रेमी अपने साथी के साथ प्रेम की तीव्रता बनाएं रखते हैं या वक्त की दीमक उनके प्रेम को खोखला कर देती है।
प्रेम इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि लैला-मजनू, हीर-रांझा, सोहनी-महिवाल, आदि सभी ने प्रेम क्षेत्र में झंडे गाड़े, पर प्रेम की निश्चित परिभाषा कोई न दे पाया। ऐसा शायद इसलिए भी हुआ कि ये लोग प्रेम की महान अनुभूति से ओत-प्रोत थे, इसलिए ये उसे निश्चित शब्दों में बाँधना नहीं चाहते थे। वे प्रेम के असीम अहसास को सिर्फ महसूस करना चाहते थे, न कि उसे किसी सीमा में बाँधना।
आप भी किसी से प्यार करते हैं तो, जरूर जानना चाहेंगे कि प्यार होता क्या है। यूँ तो प्यार को परिभाषित करना बहुत ही कठिन है, क्योंकि प्यार वो अनुभूति है, जिसे शब्दों में बयाँ करना मुश्किल है। फिर भी हमने इस विषय पर विश्व के कुछ महान विचारकों के विचार नीचे दिए हैं, जो आपको प्रेम को समझने में सहायता करेंगे।
'सच्चा प्रेम कभी प्रति-प्रेम नहीं चाहता।'
कबीरदास
'पुरुष, प्यार अक्सर और थोड़ा करता है, किंतु स्त्री, प्यार सौभाग्य से और स्थाई करती है।'
आचार्य रजनीश 'ओशो'
'जिस प्यार में प्यार करने की कोई हद नहीं होती और किसी तरह का पछतावा भी नहीं होता, वही उसका सच्चा रूप है।'
मीर तकी मीर
'प्यार एक भूत की तरह है, जिसके बारे में बातें तो सभी करते हैं, पर इसके दर्शन बहुत कम लोगों को हुए हैं।'
सिकंदर
'प्रेम कभी दावा नहीं करता, वह हमेशा देता है। प्रेम हमेशा कष्ट सहता है, न कभी झुंझलाता है और न ही कभी बदला लेता है।'
महात्मा गाँधी
'खूब किया मैंने दुनिया से प्रेम और मुझसे दुनिया ने, तभी तो मेरी मुस्कुराहट उसके होठों पर थी और उसके सभी आँसू मेरी आँखों में।'
खलील जिब्रान
'प्रेम आँखों से नहीं ह्रदय से देखता है, इसीलिए प्रेम को अंधा कहा गया है।'
शेक्सपीयर
'प्रेम के स्पर्श से हर कोई कवि बन जाता है।'
अफलातून
'जहाँ प्रेम है, वहीं जीवन का सही रूप है।'
अरस्तु
'प्यार आत्मा की खुराक है।'
कंफ्यूशियस
'प्यार समर्पण और जिम्मेदारी का दूसरा नाम है।'
बेकन
'जीवन में प्रेम का वही महत्व है जो फूल में खुशबू का होता है।'
जॉर्ज बनार्ड शॉ
source-[link]www.webdunia.com
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है॥
![]() | ||
|
आज के दौर में प्यार फैशन की तरह हो गया है और हर कहीं आपको ऐसे प्रेमी युगल मिल जाएँगे जो दुनिया वालों के तमाम उसूल और रीति-रिवाज ताक में रखकर एक-दूसरे को प्रेम करते हैं। पर क्या सभी प्रेमी अपने साथी के साथ प्रेम की तीव्रता बनाएं रखते हैं या वक्त की दीमक उनके प्रेम को खोखला कर देती है।
प्रेम इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि लैला-मजनू, हीर-रांझा, सोहनी-महिवाल, आदि सभी ने प्रेम क्षेत्र में झंडे गाड़े, पर प्रेम की निश्चित परिभाषा कोई न दे पाया। ऐसा शायद इसलिए भी हुआ कि ये लोग प्रेम की महान अनुभूति से ओत-प्रोत थे, इसलिए ये उसे निश्चित शब्दों में बाँधना नहीं चाहते थे। वे प्रेम के असीम अहसास को सिर्फ महसूस करना चाहते थे, न कि उसे किसी सीमा में बाँधना।
आप भी किसी से प्यार करते हैं तो, जरूर जानना चाहेंगे कि प्यार होता क्या है। यूँ तो प्यार को परिभाषित करना बहुत ही कठिन है, क्योंकि प्यार वो अनुभूति है, जिसे शब्दों में बयाँ करना मुश्किल है। फिर भी हमने इस विषय पर विश्व के कुछ महान विचारकों के विचार नीचे दिए हैं, जो आपको प्रेम को समझने में सहायता करेंगे।
'सच्चा प्रेम कभी प्रति-प्रेम नहीं चाहता।'
कबीरदास
'पुरुष, प्यार अक्सर और थोड़ा करता है, किंतु स्त्री, प्यार सौभाग्य से और स्थाई करती है।'
आचार्य रजनीश 'ओशो'
'जिस प्यार में प्यार करने की कोई हद नहीं होती और किसी तरह का पछतावा भी नहीं होता, वही उसका सच्चा रूप है।'
मीर तकी मीर
'प्यार एक भूत की तरह है, जिसके बारे में बातें तो सभी करते हैं, पर इसके दर्शन बहुत कम लोगों को हुए हैं।'
सिकंदर
'प्रेम कभी दावा नहीं करता, वह हमेशा देता है। प्रेम हमेशा कष्ट सहता है, न कभी झुंझलाता है और न ही कभी बदला लेता है।'
महात्मा गाँधी
'खूब किया मैंने दुनिया से प्रेम और मुझसे दुनिया ने, तभी तो मेरी मुस्कुराहट उसके होठों पर थी और उसके सभी आँसू मेरी आँखों में।'
खलील जिब्रान
'प्रेम आँखों से नहीं ह्रदय से देखता है, इसीलिए प्रेम को अंधा कहा गया है।'
शेक्सपीयर
'प्रेम के स्पर्श से हर कोई कवि बन जाता है।'
अफलातून
'जहाँ प्रेम है, वहीं जीवन का सही रूप है।'
अरस्तु
'प्यार आत्मा की खुराक है।'
कंफ्यूशियस
'प्यार समर्पण और जिम्मेदारी का दूसरा नाम है।'
बेकन
'जीवन में प्रेम का वही महत्व है जो फूल में खुशबू का होता है।'
जॉर्ज बनार्ड शॉ
source-[link]www.webdunia.com
रविवार, 7 फ़रवरी 2010
mobile sms
Sabko pyar dene ki aadat..
hai hume,
Apni alag pehchan banane ki aadat..
hai hume,
Kitna bhi gehra jakhm de koi,
Utna hi jyada muskurane ki aadat hai hume..
Is anjnabi duniya mein.
Akela 1 khawaab hu,
Sawaalo se khafa..
Chhota sa jawaab hu,
Jo na samjh sake..
Unke liye "KOUN",
Jo samajh chuke..
Unke liye kitaab hu main..
hai hume,
Apni alag pehchan banane ki aadat..
hai hume,
Kitna bhi gehra jakhm de koi,
Utna hi jyada muskurane ki aadat hai hume..
Is anjnabi duniya mein.
Akela 1 khawaab hu,
Sawaalo se khafa..
Chhota sa jawaab hu,
Jo na samjh sake..
Unke liye "KOUN",
Jo samajh chuke..
Unke liye kitaab hu main..
दोस्ती की कसम (dosti ki kasam)
ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे
तोडेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोड़ेंगे
ये दोस्ती हम नहीं तोडेंगे
तोडेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोडेंगे
ए मेरी जीत तेरी जीत
तेरी हार मेरी हार
सुन ए मेरे यार
तेरा गम मेरा गम
मेरी जान तेरी जान
ऐसा अपना प्यार
जान पे भी खेलेंगे तेरे लिये ले लेंगे
जान पे भी खेलेंगे तेरे लिए ले लेंगे
सब से दुश्मनी
ये दोस्ती हम नहीं तोडेंगे
तोडेंगे दम मगर तेरा साथ न छोडेंगे
लोगों को आते हैं दो नज़र हम मगर
देखो दो नहीं
अरे हो जुदा या खफा ए खुदा है दुआ
ऐसा हो नहीं
खाना पीना साथ है
मरना जीना साथ है
खाना पीना साथ है
मरना जीना साथ है
सारी ज़िन्दगी
ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे
तोडेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोड़ेंगे.................
तोडेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोड़ेंगे
ये दोस्ती हम नहीं तोडेंगे
तोडेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोडेंगे
ए मेरी जीत तेरी जीत
तेरी हार मेरी हार
सुन ए मेरे यार
तेरा गम मेरा गम
मेरी जान तेरी जान
ऐसा अपना प्यार
जान पे भी खेलेंगे तेरे लिये ले लेंगे
जान पे भी खेलेंगे तेरे लिए ले लेंगे
सब से दुश्मनी
ये दोस्ती हम नहीं तोडेंगे
तोडेंगे दम मगर तेरा साथ न छोडेंगे
लोगों को आते हैं दो नज़र हम मगर
देखो दो नहीं
अरे हो जुदा या खफा ए खुदा है दुआ
ऐसा हो नहीं
खाना पीना साथ है
मरना जीना साथ है
खाना पीना साथ है
मरना जीना साथ है
सारी ज़िन्दगी
ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे
तोडेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोड़ेंगे.................
dosti kya hai
Friendship Is Like... NOKIA!
Connecting People!
Friendship Is Like... SAMSUNG
Every One Is Invited!
Friendship Is Like... CELL ONE
Changing Life Style!
Friendship Is Like... PHILIPS
Lets Makes Things Better!
Friendship Is Like... TAPAL
Jaisay Chaho Jeoooo!
Friendship Is Like... SPRITE
Sirf Yeh Bhujaye Pyas Baki All Bakwass!
Friendship Is Like... PEPSI
Ask For More!
Friendship Is Like... LG
Digitally Yours!
Friendship Is Like... NIKE
Just Do It!
Friendship Is Like... HABIB
Kyoun Kay Ye Dil Ka Mamla Hai!
Friendship Is Like... WAVES
Naam Hi Kafi Hai!
Friendship Is Like... BUTTER SCOTCH (hmmm)
Chalti Jayee Chalti Jayee Chali Jayeeeee!
Friendship Is Like... COCA COLA
Enjoyyyyyyyyyyyyyyyy (
Connecting People!
Friendship Is Like... SAMSUNG
Every One Is Invited!
Friendship Is Like... CELL ONE
Changing Life Style!
Friendship Is Like... PHILIPS
Lets Makes Things Better!
Friendship Is Like... TAPAL
Jaisay Chaho Jeoooo!
Friendship Is Like... SPRITE
Sirf Yeh Bhujaye Pyas Baki All Bakwass!
Friendship Is Like... PEPSI
Ask For More!
Friendship Is Like... LG
Digitally Yours!
Friendship Is Like... NIKE
Just Do It!
Friendship Is Like... HABIB
Kyoun Kay Ye Dil Ka Mamla Hai!
Friendship Is Like... WAVES
Naam Hi Kafi Hai!
Friendship Is Like... BUTTER SCOTCH (hmmm)
Chalti Jayee Chalti Jayee Chali Jayeeeee!
Friendship Is Like... COCA COLA
Enjoyyyyyyyyyyyyyyyy (
शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2010
प्यार क्या है (pyaar kya hai )
मैंने कई भाषाओं में प्यार किया है
पहला प्यार
ममत्व की तुतलाती मातृभाषा में..
कुछ ही वर्ष रही वह जीवन में
दूसरा प्यार
बहन की कोमल छाया में
एक सेनेटोरियम की उदासी तक
फिर नासमझी की भाषा में
एक लौ को पकड़ने की कोशिश में
जला बैठा था अपनी अंगुलियां
एक परदे के दूसरी तरफ़
खिली धूप में खिलता गुलाब
बेचैन शब्द
जिन्हें होंठों पर लाना भी गुनाह था
धीरे-धीरे जाना
प्यार की और भी भाषाएं हैं दुनिया में
देशी-विदेशी
और विश्वास किया कि प्यार की भाषा
सब जगह एक ही है
लेकिन जल्दी ही जाना
कि वर्जनाओं की भाषा भी एक ही है
एक-से घरों में रहते हैं
तरह-तरह के लोग
जिनसे बनते हैं
दूरियों के भूगोल..
अगला प्यार
भूली-बिसरी यादों की
ऐसी भाषा में जिसमें शब्द नहीं होते
केवल कुछ अधमिटे अक्षर
कुछ अस्फुट ध्वनियां भर बचती हैं
जिन्हें किसी तरह जोड़कर
हम बनाते हैं
प्यार की भाषा
पहला प्यार
ममत्व की तुतलाती मातृभाषा में..
कुछ ही वर्ष रही वह जीवन में
दूसरा प्यार
बहन की कोमल छाया में
एक सेनेटोरियम की उदासी तक
फिर नासमझी की भाषा में
एक लौ को पकड़ने की कोशिश में
जला बैठा था अपनी अंगुलियां
एक परदे के दूसरी तरफ़
खिली धूप में खिलता गुलाब
बेचैन शब्द
जिन्हें होंठों पर लाना भी गुनाह था
धीरे-धीरे जाना
प्यार की और भी भाषाएं हैं दुनिया में
देशी-विदेशी
और विश्वास किया कि प्यार की भाषा
सब जगह एक ही है
लेकिन जल्दी ही जाना
कि वर्जनाओं की भाषा भी एक ही है
एक-से घरों में रहते हैं
तरह-तरह के लोग
जिनसे बनते हैं
दूरियों के भूगोल..
अगला प्यार
भूली-बिसरी यादों की
ऐसी भाषा में जिसमें शब्द नहीं होते
केवल कुछ अधमिटे अक्षर
कुछ अस्फुट ध्वनियां भर बचती हैं
जिन्हें किसी तरह जोड़कर
हम बनाते हैं
प्यार की भाषा
dosti
हर चहरे मे कुछ तोह एह्साह है,
आपसे दोस्ती हम यूं ही नही कर बैठे,
क्या करे हमारी पसंद ही कुछ "ख़ास" है. .
चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता,
तोह चाँद की चाहत किसे होती.
कट सकती अगर अकेले जिन्दगी,
तो दोस्ती नाम की चीज़ ही न होती.
कभी किसी से जीकर ऐ जुदाई मत करना,
इस दोस्त से कभी रुसवाई मत करना,
जब दिल उब जाए हमसे तोह बता देना,
न बताकर बेवफाई मत करना.
दोस्ती सची हो तो वक्त रुक जता है
अस्मा लाख ऊँचा हो मगर झुक जता है
दोस्ती मे दुनिया लाख बने रुकावट,
अगर दोस्त सचा हो तो खुदा भी झुक जता है.
दोस्ती वो एहसास है जो मिटती नही.
दोस्ती पर्वत है वोह, जोह झुकता नही,
इसकी कीमत क्या है पूछो हमसे,
यह वो "अनमोल" मोटी है जो बिकता नही . . .
सची है दोस्ती आजमा के देखो..
करके यकीं मुझपर मेरे पास आके देखो,
बदलता नही कभी सोना अपना रंग ,
चाहे जितनी बार आग मे जला के देखो
गुरुवार, 21 जनवरी 2010
सदस्यता लें
संदेश (Atom)